क्यों चाँदनी रातों में दरिया पे नहाते हो गिला शिकवा << तेरे ग़म ने ही संभाला है द... नजाकत तो देखिये >> क्यों चाँदनी रातों में दरिया पे नहाते हो,सोये हुए पानी में क्या आग लगानी है। Share on: